
Filmistan Studio: RK Studio के बाद अब फिल्मिस्तान स्टूडियो की बोली लग गई है। यह स्टूडियो भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम युग का ऐतिहासिक प्रतीक रहा है, जिसे 183 करोड़ में बेच दिया गया है। अब स्टूडियो को ध्वस्त कर बहुमंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। यह आर्केड डेवलपर्स लिमिटेड को, 3 जुलाई को बेच दिया गया। इसके साथ ही हिंदी सिनेमा युग का अंत माना जा रहा है। यह न केवल एक शूटिंग स्थल था बल्कि सिनेमा के इतिहास में संस्कृति और लाखों कर्मचारियों की आजीविका का साधन था।
Filmistan Studio का इतिहास
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Filmistan Studio की स्थापना आजादी से पहले 1943 में हुई थी। इसकी स्थापना अशोक कुमार, ज्ञान मुखर्जी, रायबहादुर चुनीलाल और शशधर मुखर्जी ने की थी। शशधर मुखर्जी अभिनेत्री रानी मुखर्जी और काजोल के दादाजी थे।यह गोरेगांव पश्चिम,मुंबई में करीब 4 एकड़ में फैला हुआ है। जिसमें सात विशाल शूटिंग स्थल, स्थायी मंदिर सेट और आउटडोर सेट शामिल थे।
फिल्मिस्तान में बनीं प्रसिद्ध फिल्में
Filmistan Studio में कई क्लासिक फिल्मों की शूटिंग और निर्माण हुआ। जिनमें शहीद, जाग्रति, अनारकली, पेइंग गेस्ट, तुमसा नहीं देखा, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे और रा-वन आदि शामिल हैं। यह स्टूडियो बॉलीवुड के स्वर्णिम युग का केंद्र रहा है। जहां फ़िल्मी सितारों, तकनीशियनों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने मिलकर भारतीय सिनेमा को बुलंदियों तक पहुंचाया।
फिल्मिस्तान स्टूडियो की पुनर्विकास योजना के तहत बिक्री
आर्केड प्राइवेट लिमिटेड ने Filmistan Studio को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के तहत 182.95 करोड़ में खरीदा है। जिसकी डील 3 जुलाई को फाइनल हुई।आर्केड डेवलपर्स (Arkade Developers) इस जगह पर अल्ट्रा-लग्जरी आवास प्रोजेक्ट शुरू करेगा। इस प्रोजेक्ट में 50 मंजिला टॉवर होंगे। जिनमें 3,4 और 5 BHK अपार्टमेंट होंगे। इस प्रोजेक्ट का अनुमानित मूल्य 3000 करोड़ रुपए है।
आर्केड डेवलपर्स के चेयरमैन का ब्यान
कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अमित जैन ने फिल्मिस्तान स्टूडियो (Filmistan Studio) के अधिग्रहण की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म लिंक्डइन पर लिखा,” फिल्मिस्तान स्टूडियो मुंबई के लिए भावनात्मक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। हम इसके अगले अध्याय को आकार देने के लिए विशेषधिकार प्राप्त महसूस करते हैं। यह प्रोजेक्ट केवल एक प्रीमियम पता नहीं होगा बल्कि यह एक विचारशील जीवनशैली का अनुभव प्रदान करेगा। ”
फिल्मिस्तान स्टूडियो की बिक्री के बाद बढ़ी चिंताएं
आल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने इसकी बिक्री का कड़ा विरोध किया है। AICWA ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खुला खत लिख्रकर स्टूडियो के विध्वंश को रोकने और इसे सांस्कृतिक धरोहर (Filmistan Studio) के रूप में सरंक्षित करने की मांग की है। AICWA का कहना है कि यह स्टूडियो लाखों तकनीशियनों, कलाकारों और दैनिक वेतन भोगियों की आजीविका साधन रहा है। area
फिल्म निर्माता महेश भट्ट का ब्यान
महेश भट्ट ने Filmistan Studio की बिक्री पर दुख जताया है। उन्होंने कहा, “यह एक फिल्म स्टूडियो नहीं था बल्कि वह जगह थी जहां मैंने अपनी फिल्में अर्थ, सारांश, जन्म, नाम और सड़क बनाई हैं। यह मेरे लिए व्यक्तिगत और भावनात्मक नुक्सान है।” उन्होंने यह भी कहा कि सिनेमा का स्वरूप बदल रहा है। नई पीढ़ी मोबाइल पर कहानियां बना रही है। लेकिन फिल्मिस्तान का जाना एक युग का अंत है।
मुंबई में फिल्मिस्तान जैसे स्टूडियो का जाना इस बात का संकेत है की रियल की बढ़ती मांग सांस्कृतिक धरोहरों पर भारी पड़ रही है। इससे पहले आरके स्टूडियो, कमालिस्तान स्टूडियो और नटराज जैसे ऐतिहासिक स्टूडियो रियल एस्टेट परियोजनाओं को बेचे जा चुके हैं।
ये सभी स्टूडियो भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते थे। जो अब सिर्फ यादें बन कर रह जाएंगे। फिल्मिस्तान स्टूडियो को लग्जरी आवासीय परियोजना में बदलने के फैसले से लाखों सिनेमा प्रेमियों को एक भावनात्मक ठेस पहुंची है। अब इनकी जगह मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स नजर आएंगी। वहीं, बिल्डर्स इन स्टूडियोज के जमीन को आवासीय प्रोजेक्ट में बदलने के बाद करोड़ों रुपए कमाएंगे। आल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने फिल्मिस्तान स्टूडियो ( Filmistan Studio) को बचाने की मुहीम छेड़ रखी हुई है। जिसके नाकामयाब होने के ज्यादा चांस हैं।
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